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बुरा सपना

Aniket 30 Mar 2023 कहानियाँ हास्य-व्यंग लेखिका : वीना शर्मा By : आदर्श शिक्षा इंस्टीट्यूट 19876 0 Hindi :: हिंदी

एक बार, शेखचिल्ली को कुछ दिनों से रात को नींद ही नही आ रही थी। शेखचिल्ली की मां ने एक दिन शेख चील्ली से कहा, ” बेटा क्या हुआ क्या तुम्हें रात को ठीक से नींद नहीं आ रही है?

मैं जब रात को पानी पीने के लिए जा रही थी तो मैं ने देखा कि तुम डर के मारे कराह रहे थे।”

    शेखचिल्ली ने उत्तर दिया। मां कुछ दिनों से मुझे एक सपना आ रहा है। जिससे कि मुझे रात में नींद नहीं आ रही है और मैं सो भी नही पा रहा हूँ।”

   मां ने पूछा, ” कौनसा सपना?”

शेख चील्ली बोला, ” मां वही सपना जो मुझे बचपन मे भी परेशान किया करता था। “

दरअसल जब शेखचिल्ली छोटा था तो उसे बिल्लियों से बहुत डर लगता था। और वह सपने में देखता था कि वह एक चूहा बना हुआ है और पूरे शहर की बिल्लियां उसके पीछे पड़ी हैं,

और इसको मारना चाहती है।

उसकी मां ने कहा, ” बेटा तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हे हाकिम जिन के पास ले जाऊंगी। वे तुम्हारी इस बुरे सपने की बीमारी को हमेशा के लिए दूर भगा देंगे।

अगले दिन दोनों हकीम जी के पास गए। शेखचिल्ली की माँ ने सारी बात हकीम जी को बता दी। हकीम जी ने कहा, ” बेटा तुम्हारी परेशानी दूर तो हो जाएगी पर तुम्हें उसके लिए रोज शाम को एक चक्कर यहां दवा लेने के लिए आना होगा।”

  शेखचिल्ली मान गया।

Hasya Katha Moral Part- जब उस दिन वह दवाई लेने हकीम जी के पास आया तो हकीम जी ने उससे बहुत देर तक बात की और उसे यह एहसास दिलाया और कहा कि यह याद रखना कि तुम चूहे नहीं हो।”

और उसे कोई भी लाभदायक दवा दे दी। शेखचिल्ली अपने घर चले गए।

रात को उस दिन शेख चील्ली को बहुत अच्छी नींद आई। कुछ दिनों बाद इसको बूरे सपने आना भी बंद हो गए।

  एक दिन जब शेखचिल्ली हकीम के पास दवा लेने के लीए आ रहा था तो,हकीम जी के घर के बाहर एक बिल्ली खड़ी थी। उसे देखते ही शेखचिल्ली डर गया औऱ दौड़कर जाकर हकीम के पीछे छिप गया।

  हकीम जी ने कहा, ” बेटा डर क्यो रहे हो? अब तुम चूहे नही  हो । यह बिल्ली तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती।”

  इस पर शेखचिल्ली बोला, ” हकीम जी यह बात आप जानते हैं , मैं जानता हूँ,मेरी अम्मी भी जानती है। लेकिन क्या किसी ने इस बिल्ली को यह बात बताई है?”

यह सुनकर हकीम जी हंसने लगे और बिल्ली को वहां से भगा दिया।

सीख | बुरी यादों को भूल जाना ही बेहतर होता है।

लेखिका : वीना शर्मा By : आदर्श शिक्षा इंस्टीट्यूट

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