Trishika Srivastava 30 Mar 2023 शायरी समाजिक मिल जाए वक़्त ज़रा सा अगर 18217 1 5 Hindi :: हिंदी
मिल जाए वक़्त ज़रा सा अगर तो लौट आना कभी अपने घर तुम्हे याद कर अक्सर रोता है आँगन में खड़ा वो बूढ़ा शज़र — त्रिशिका श्रीवास्तव ‘धरा’
10 months ago
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