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शांत रस( कविता)

Harshwardhan 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद Sad कविता, love song 158995 0 Hindi :: हिंदी

तुम चाहो तो जाकर देखो,
उस गिरते पत्ते को , जो टहनी से टूट रहा है
बरसों से था कैसा नाता, पल भर में जो रूठ रहा है।
तुम चाहो तो जाकर देखो,
उन फूलों की पंखुड़ियों को,
जो अभी जवान हुई हैं, कब से यूं अनजान थे हम ना जाने कब पहचान हुई है।
तुम चाहो तो आकर देखो, मेरे अकेलेपन की रातों में,
जो बीती बात सुनती हैं, करके मेरी आंखें नम फिर बैठी मुस्काती हैं।।।

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