Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

बाकी हैं दिन चार-नव्य बरस का आगमन

संदीप कुमार सिंह 08 May 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5167 0 Hindi :: हिंदी

नव्य बरस का  आगमन, बाकी हैं दिन चार।
अनुपम और उदार हो,लाए हर्ष बहार।।

नेक कर्म अब तो करूं, बाकी हैं दिन चार।
जीवन का उद्धार हो,खुशी रहे परिवार।।

बाकी हैं दिन चार अब,रहा जवानी खूब।
अन्त बुढ़ापा हो भला,मेरा प्रभु महबूब।।
स प्रभु,मेरी सुनें पुकार।।

बाकी हैं दिन चार अब, दिल से करूं गुहार।
रखता हूं विश्वा
बाकी हैं दिन चार अब,तैयारी कर    खास।
हस्ते हस्ते अलविदा,कर चल प्रभु के पास।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)
बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: