मोती लाल साहु 14 Jul 2023 शायरी अन्य घाट-घाट, पानी पिया, खामोशी में मौज, बाकी नहीं, अब, मंजिले, सफर, बुलंद है 6887 0 Hindi :: हिंदी
"घाट-घाट का पानी पिया हूं, खामोशी में मौज करता हूं",,, "अब कुछ बाकी नहीं है, मंज़िले सफ़र बुलंद है"....!!!! -मोती
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