मो. आमीर रजा 30 Mar 2023 शायरी दुःखद मैं क्यों 30988 0 Hindi :: हिंदी
इस ज़माने में तेरे नाम से बदनाम मैं क्यों कुसूर तो तेरी नज़र कि थी फिर भी खताकार मैं क्यों बहुत वक़्त लगे मुझे इस बात को भुलाने में खता दोनों कि थी सजा का हक़दार मैं क्यों
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