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जिंदगी मिली दोबारा

virendra kumar dewangan 05 Dec 2023 आलेख समाजिक Social 14994 0 Hindi :: हिंदी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर 2023 यानी दीपावली की सुबह 5.30 बजे भू-स्खलन से फंसे 41 श्रमवीर 28 नवबंर 2023 की रात 7.45 से 8.30 के बीच आखिरकार कुशलतापूर्वक राहत की सांस लिए और इसी के साथ केंद्र व राज्य सरकार भी।

41 श्रमिक अंधियारे भरे सुरंग में 16 दिन व 17 रातें बीताए और अपनी जीजिविषा, अदम्य साहस, संकल्पशक्ति, ईश्वरीय प्रेरणा, सरकारी प्रयास और मानवीय सहायता के बलबूते मौत को मात देकर ताजगी भरी हवा में सांस लेकर यह सिद्ध कर दिए कि मानव है अद्भुत, जो जरा-सा हौसला व संबल मिलने पर कठिनाइयों को भी पार पा सकता है।

इस बीच 41 श्रमिकों के भोजन-पोहा, मुरमुरा, खिचड़ी आदि का भी प्रबंध सरकार की ओर से किया जाता रहा और उन्हें पाइप के माध्यम से भोजन उपलब्ध करवाया जाता रहा। उनका कुशलक्षेम भी लिया गया और उनके परिजनों तक पहुंचाया गया।

400 घंटे चले इस महाभियान में 20 से अधिक एजेंसियों ने अपना अमूल्य योगदान दिया, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नेशनल हाइवे एथारिटी, रैट माइनर्स, पुलिस व सेना के जवान, पीएमओ आफिस, स्थानीय प्रशासन, सीएमओ आफिस आदि का सहयोग प्रशंसनीय व सराहनीय कहा जा रहा है।

महाभियान में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी टीम, सड़क परिवहन व राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह व उनकी टीम और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान में दिन-रात प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुटे रहे और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाते रहे। इसके लिए देशी-विदेशी मशीनों तक का इस्तेमाल किया गया और ऑस्टेªलिया से विशेषज्ञ बुलाए गए।

श्रमिकों को निकालने में शासन-प्रशासन ने जिस तरह से चुस्ती व फुर्ती दिखाई, वह भी अभूतपूर्व रहा। जब भीमकाय मशीनें फेल हो गई, तब परंपरागत छैनी-हथोड़े व गैंती-फावड़ा तक से काम लिया गया। इसके लिए रैट माइनर्स की 28 सदस्यीय टीम को मोर्चे पर उतारा गया। रैट माइनर्स टीम ने गैस कटर, प्लाज्मा कटर, लेजर कटर और हैड ड्रिलर की सहायता से मुश्किल काम आसान बना दिया।

सुरंग से निकले श्रमवीरों को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सीने से लगा लिया। जनरल वीके सिंह उन्हें गले पर गमछा डालते हुए दिखे। इसे देखकर कठोर से कठोर ह्दय भी पिघल गया और आंखों में खुशी के आंसू आ गए। 

प्रधानमंत्री ने उनसे रेडियो वार्ता के माध्यम से उनका हालचाल जाना और उनकी साहसिकता की गाथा सुनी, जिससे पता चला कि वे सुरंग में अपनेआप को स्वस्थ व तरोताजा रखने के लिए नियमित योगा और चहलकदमी करते थे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सभी 41 श्रमिकों को 1-1 लाख रुपये तथा रैट माइनर्स टीम के प्रत्येक सदस्य को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। इसी तरह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड से श्रमिकों को एक माह का सवेतन अवकाश देने का आग्रह किया है।

सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में 15 झारखंड से, 9 उत्तरप्रदेश से, 5 ओडिशा से, 4 बिहार से, 3 बंगाल से, 2 असम से, 2, उत्तराखंड से और 1 हिमाचल प्रदेश से थे। 28 नवंबर इनका घर दीया से रोशन हुआ और फटाखे से मुहल्ला गुंजायमान होने लगा।

अब, जरूरत इस बात की है कि उन कारणों की गहन जांच-पड़ताल त्वरा से की जाए कि आखिरकार ऐसा भयावह हादसा क्योंकर हुआ और ऐसे हादसों से सबक लेकर भविष्य में कौन-कौन सी सावधानियां बरती जानी चाहिए और सावधानियां का कैसे कठोरता से पालन व निदान किया जाना चाहिए?
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