AAIDAN GOYAL 30 Apr 2023 कविताएँ अन्य किसान/ बेटी/ 9199 1 5 Hindi :: हिंदी
मैं गोबर भी छू लेती हूं, गईया भी धो लेती हूं, मैं खेतों में,दिन भर काम करके, धूप भी सह लेती हूं, मैं किसान की बेटी हूं..... इतनी मेहनत करके भी, स्कूल भी जा लेती हूं, कभी-कभी स्कूल न जा पाती, नही थकती कभी, मैं किसान की बेटी हूं..... मैं सपने बड़े लेकर, घर से बाहर निकलती हूं, कमरा किराए लेकर, UPSC की तैयारी करती हूं, मैं किसान की बेटी हूं.....
11 months ago