Rupesh Singh Lostom 14 May 2023 शायरी अन्य ऐ चल कुछ 6254 0 Hindi :: हिंदी
ऐ चल कुछ अजब करते हैं गजब करते हैं थोड़ा सितम करते हैं साथ मिल के कुछ सनम करते हैं कुछ पल ही सही थोड़ा पल बिताते हैं ये चल तो जमी से थोड़ा आशमा से बादल से दो बूंद कतरा चुराते हैं नदियां को रोकते हैं हवा को मोड़ते हैं पर्वत को ओढ़ते हैं ये चल ना लहरों पे घर बनाते हैं बही जीवन बिताते हैं