संदीप कुमार सिंह 10 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4189 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) सावन आए मस्ती छाए सबको है अति खुशी। हरा हरा नव हुआ पेड़ पौधा देता अति कुशी। विचरण करते काले_काले बादल दिखे आतुर _ जिसके भय से लोभ पाप सूत कर लिया खुदकुशी। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....