Arun Kumar 19 Jul 2023 कहानियाँ समाजिक Google/Yahoo/Bing 13682 0 Hindi :: हिंदी
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक महाराजा राज करते थे। वे महाराजा बहुत दानशील और भले मनसे थे। उनके राज्य में धर्म, सभ्यता, शिक्षा और कला के क्षेत्र में विकास हो रहा था। उन्हें राजा की गरिमा को और बढ़ाने के लिए राजमहल में एक विशालकाय सोने का हाथी भी रखा गया था। यह सोने का हाथी बहुत खूबसूरत और प्रतिभाशाली था। इस सोने के हाथी की खबर गांव के आस-पास के सभी लोगों तक पहुंच गई। उन्हें इसे देखने की बड़ी उत्सुकता हो गई। लोग राजमहल आने लगे और सोने के हाथी की खूबसूरती के समीप जा कर खड़े हो जाते थे। एक बार गांव के एक गरीब बच्चे ने भी वाहन देखने की इच्छा की। उसे राजमहल जाने का मौका मिला और वह भी उत्साहित होकर राजमहल पहुंचा। उस बच्चे के हृदय में भी सोने के हाथी को देखने की बड़ी इच्छा थी। राजमहल पहुंच कर, उस छोटे बच्चे ने सोने के हाथी को देखा और उसे अपने हाथों से स्पर्श करने की कोशिश की। परन्तु उसके पास इतने सोने के तोते नहीं थे, जिससे वह सोने के हाथी को स्पर्श कर सके। उसे बहुत दुख हुआ, और वह अपने माता-पिता के पास लौट गया। उस दिन के बाद से वह छोटा बच्चा रोज राजमहल आने लगा और सोने के हाथी को अपने नज़दीक जाकर देखता था। धीरे-धीरे, उसकी इच्छा में पल भर के लिए बहुत सत्यानाश हो गया। राजा ने इसे देखा और उसके भक्ति भाव को महसूस किया। एक दिन, जब राजा राजमहल में घूम रहे थे, तो उन्होंने उस छोटे बच्चे को देखा और उसके पास जाकर पूछा, "बेटा, क्या तुम्हारी यह इच्छा है कि तुम इस सोने के हाथी को छू सको?" छोटे बच्चे ने खुशी के साथ राजा को देखा और कहा, "हां, महाराजा, मुझे बहुत ख़ुशी होगी अगर मुझे यह सोने का हाथी छूने का एक मौक़ा मिल जाए।" राजा ने अपनी दया भरी आँखों से उस बच्चे को देखा और कहा, "तुम बहुत साधु और निष्काम हो। तुम्हारे प्रति मेरी भावना बहुत गहरी है। तुम्हारी उम्र छोटी होने के बावजूद, तुमने पहचान ली है कि सच्ची ख़ुशी और संतुष्टि वास्तविकता से होती है, और यह वस्तुस्थिति समझना बहुत बड़ी बात है। राजा ने छोटे बच्चे की प्रतिभा और सरलता से प्रभावित होकर उसे एक मिठाई के डिब्बे के साथ वापस भेजा। उस बच्चे के चेहरे पर बड़ी खुशी छाई हुई थी। कुछ दिनों बाद, राजा ने एक अद्भुत निर्णय लिया। उन्होंने राजमहल में एक संग्रहालय स्थापित करवाया, जिसमें अनेक प्रकार के विद्युतियों, तकनीकी उपकरणों, और कलाकृतियों का प्रदर्शन होता था। यह संग्रहालय लोगों के द्वारा देखा और सीखा जाने वाले जगह बन गई। इस संग्रहालय में एक स्थान प्रदान किया गया, जहां छोटे बच्चे को भी आने की इजाज़त थी और वह वहां रोज़ आता। उसे वहां के सभी प्रदर्शनियों को देखने और सीखने का अवसर मिलता था। राजा ने छोटे बच्चे के जिज्ञासा और भक्ति को देखते हुए उसे संग्रहालय के प्रबंधक के रूप में रखा और उसे अच्छी शिक्षा प्रदान की जाने लगी। बितते समय के साथ, छोटे बच्चे ने अपनी मेहनत, लगन और उत्साह से कई तकनीकी ज्ञान, कला, और विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त की। उसका नाम देश और विदेश में मशहूर हो गया। इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि ज्ञान और सच्ची इच्छा का महत्व है। हमारे पास चाहने वाली चीजों के लिए यह आवश्यक है कि हम उन्हें प्राप्त करने के लिए उत्साह, निरंतरता और मेहनत लगाएं। छोटे बच्चे की संघर्षशील इच्छा ने उसे एक सफल और श्रेष्ठ इंसान बना दिया, जिससे हम सभी को प्रेरित होना चाहिए।