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साँई बाबा

Pinky Kumar 09 Apr 2023 आलेख धार्मिक 5387 0 Hindi :: हिंदी

साँई बाबा =) हम देख सकते है कि जिते जी इंसानो को कोई पानी भी नहीं पिलाता और मरने के बाद उसे अपने स्वार्थ के लिए उसे सिंहासन पर बैठा देते है। में यह नहीं कह रही कि वो इंसान थे में मानती हूँ कि वो भगवान थे पर वह जब अपना जीवन जी रहे थे तो उन्हें बिखारी, दिन,निर्धन और एक इंसान समझा जाता था। और यही सोचकर उनकी कोई मदत नही करता था। वो घर - घर जाते  थे तो उन्हें कोई भिक्षा भी नहीं देते थे और आज उनके लिए सिंहासन और सोने के मुकुट चढ़ाए जा रहे है। उनके नाम पर चंदा दिया जा रहा है। यह एक तरह से उन्हें इंसान अपने व्यापार का जरीया बना लिया गया है। मेने अपने लेख में लिखा भी है। कि भगवान किसी सोने चाँदी और  किसी पद के भुखे नहीं  है। उन्हें तो बस एक सच्ची आस्था कि जरूरत है। और आज का इंसान भगवान के नाम पर व्यापार कर रहा है। जो धर्म कि नजर से देखे तो बहोत गलत है। हमें कोई कमाई का साधन नहीं मिला तो हमने भगवान को ही अपना कमाई का सांधन बना लिया क्या करू मे भी नहीं चाहती कि में यह बाते बार - बार लिखु पर जब में कुछ झुठ और गलत देखती हूँ तो मुझसे रहा नहीं जाता इसी लिए में बार - बार यह बाते लिखती हुँ
और में जब तक लिखुगी जब यह बन्द नहीं हो जाते और यह बन्द होंगे नहीं और में लिखती रहुंगी साँई बाबा जब जिन्दा थे तब उन्हें किसी ने कपड़े नहीं दिए और आज वो नहीं है। जो चमकीले कपड़े पहनाए जाते है। और यह हम इंसानों कि आदत है। कि हम किसी को जिते जी किसी कि मदत नहीं करते और मरने के बाद उन्हें पुजते है। उनकी तारिफ करते है। हमने भगवान को धर्म जाति में बाट दिया और उन्हें धर्म जाति के नाम पर नाम भी दिए है। ताकी कमाई पर कोई असर ना पड़े भगवान जब अपने भक्तों पर दया करते है तो धर्म जाति देख कर नहीं करते उनके लिए सभी भक्त समान होते है। हमें समझना होगा कि भगवान धर्म और जाति से ऊपर उठ कर है। और जो भगवान को मानते उनकी भक्ति करते है वो किसी धर्म जाति को महत्व नहीं देते है। उनके लिए इंसानियत का धर्म सबसे पहले आता है। और वो सभी को समान रूप से देखते है। धर्म वह जो किसी के साथ बुरा ना करे वो सभी जिओ पर जया करे सभी का कल्याण करने के बारे में सोचे जिसके लिए अच्छा बुरा सब समान हो जिसके मन में सबको माफ करने का भाव हो वही कुछ हद तक यह माना जाता है कि उसमें इंसानियत जिन्दा है वह अलग मुदा है। कि वह भगवान का भक्त है। उस सिमा को कोई इस समय पार ही नहीं कर सकता अगर करता है। तो वह इस संसार को नाशवान  मानता है। वह संसार के झमेलो में नहीं पड़ते उनके लिए संसार बस नाम मात्र  होता है। वह तो अपना सम्पूर्ण जीवन और अपने आपको भगवान को समर्पित कर देते है। यही बात साँई बाबा पर है कि उनका जीवन हमेशा लोगों कि भलाई के लिए था उन्होंने जीते जी हर जगह अपने ईश्वर को देखा तब जाके ईश्वर और भगक्त में कोई अंतर नहीं रहा इसी कारण हम उन्हें अपना भगवान मानते है। जिनका पुरा जीवन सादगी पूर्ण और लोगों के कल्याण के लिए रहा हो हम उनको आज पैसे देकर खरीद रहे है जिन्होंने सभी के दुःख हरे आज हम उन्हें सोना चाँदी देकर बोली लगा रहे है यह किस तरह कि भक्ति है। देखों अपने आपकों और उनको वो भगवान थे तुम नहीं


धन्यवाद

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