Jyoti yadav 31 Jul 2023 कविताएँ देश-प्रेम भगत सा लाल था 5925 0 Hindi :: हिंदी
धन्य है वह धरती जिस पर जन्मा भगत सा लाल था सोलह के उम्र में किया वह कमाल था आजादी जिसकी दुल्हन थी तन मन में जिसके तपन थी वह वीर भारत का जिसने भारत के लिए रक्त की एक एक बूंद अर्पण की सन 1907 में पैदा हुआ यह वीर क्रान्तिकारी कहलाया था हंसते मुस्कुराते चेहरे से यह योद्धा फांसी को गले लगाया था लड़ते लड़ते गोरों से गुलामी से निजात दिलाया था सलामी ऐसे वीर गम्भीर भाई को जिसने हमें आजाद कराया था सो सके मां बहने चैन से अपने घरों में इसलिए अंधेरों में यह वीर चिराग जलाया था सन 1931 में हंसते मुस्कुराते चेहरे से यह योद्धा फांसी को गले लगाया था