Pooja Singh 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत #अश्कों की माला #google# yahoo# bing 12036 0 Hindi :: हिंदी
भूल कर हम जिनके पास आने लगे। वो हमसे और भी दूर जाने लगे। पास आने वाले दूर जाने वाले.... हमने समझा था जिनको, दिल-ए-शाहदी । दिल मेरा तोड़ के आजमाने लगे। जुस्तजू थी मिला, ऐतबार किया। वो तो शोहरत के मुझको दीवाने लगे। हमने दी थी सदा, जिसको उम्र - ए-गुजर। पहना के अश्कों की माला रूलाने लगे। 'पूजा'की थी बयां जिससे, दिल -ए-दास्तां। उनको समझने में शायद जमाने लगे। स्वरचित लेखिका - पूजा सिंह "पूजा"