Sharda prasad 23 May 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग Authors 2023 6491 0 Hindi :: हिंदी
नूर देख मैं हुआ दीवाना,बन्द हुआ सब अन्न खाना रहा देखता मैं दीदार ,रास ना आया लैला का प्यार प्यार प्यार में रोया दो दिन,घर मे हुआ बड़ा घमासान बाबूजी का पड़ा जब जूती,उतर गया मेरा प्यार का भूती चुम्बन तक पहुँचा था यार, याद आ गया बाबूजी का मार प्यार का भूत उतर ग भईया, जबसे पड़ ग बाबू जी का छइया| दोस्तो शुभ रात्रि शुभ प्रभात शुभ प्रणाम