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धरती के भगवान हैं- माने तो सब जीव सबका ही अधिकार है

संदीप कुमार सिंह 11 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 3836 0 Hindi :: हिंदी

(दोहा छंद)
धरती के भगवान हैं, माने तो सब जीव।
सबका ही अधिकार है, सब हैं खास अतीव।।

धरती के भगवान तो,बना रहा सुनसान।
नित संकट है सामने, डोल रहा ईमान।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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