मोती लाल साहु 08 Apr 2023 कविताएँ समाजिक मेरा प्रयास मानव का,आत्मिक उथान हो बस इतना ही। 5899 0 Hindi :: हिंदी
अजी जनाब- अब कुछ कहना, ही है तो कह देते हैं कब तक चुप रहेंगे गौर फरमाइएगा- अर्ज करता हूं अपने, आप को शुन्य में लाइए अर्थात- अपने को जीरो (0) करिए क्योंकि मैं जो बात- कह रहा हूं वह मन, बुद्धि,और कल्पना से परे ज्ञान गम्य है वह चेतन युक्त हृदय- से ही पकड़ा जा सकता है मेरा प्रयास- मानव का आत्मिक, उत्थान हो बस इतना ही! -मोती