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पिता की उलझन

Mansi 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पिता की उलझन 108652 4 4.5 Hindi :: हिंदी

एक पिता द्वारा दी गयी सबसे खूबसूरत कविता:-

किसी ने सोना ,
किसी ने चांदी,
किसी ने सारी दौलत दे दी,
हमने उनका घर बसाने के लिए 
अपने घर की रौनक दे दी।

कोई बहुत रोया ,
किसी ने बहुत कुछ खोया,
पर इस संसार ने उसे समझा ही दिया
"बेटी पराया धन होती है"
आखिर उसे सीखा ही दिया।

अब याद करके बेटी को,
एक मजबूर पिता
कुछ इस तरह दुख छुपाता है,
कभी हंसता है,
कभी रोता है,
और बेटी का सुख ही मांगता है।।

                                                           -मानसी

Comments & Reviews

ROHIT YADAV
ROHIT YADAV Best

1 year ago

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Sahity Live
Sahity Live

1 year ago

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Sahity Live
Sahity Live Nice

1 year ago

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Shveta kaithwas
Shveta kaithwas Behad khubsurat

1 year ago

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