मोती लाल साहु 23 May 2023 कविताएँ अन्य चाह हो दिल में अगर गैब-ए-इल्म की- जहां के इस सफ़र में- फ़िरा करते हैं मुकाम वाले भी- ज़ाहिर, अर्ज़ करते हैं- फ़क़ीरी में मोहब्बत के खातिर- खुद-ब-खुद राह इनायत होते हैं। 6305 0 Hindi :: हिंदी
खिदमत में पेश है! जहां के- इस सफ़र में फ़िरा, करते हैं मुकाम वाले भी,, चाह हो दिल में- अगर गैब-ए-इल्म की,, खुद-ब-खुद- राह इनायत होते हैं,, ज़ाहिर, अर्ज करते हैं- फ़क़ीरी में मोहब्बत के खातिर!! -मोती