Chanchal chauhan 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक प्रकृति के दर्शन 29816 0 Hindi :: हिंदी
देखूं जब चांद को इसकी शीतलता निहारू, मन को देती है शांति ,इसकी गुणवत्ता कैसे समझाऊं, तारो की झिलमिल ,थाल में कैसे सजाऊं, तारों की बारात अपनी आंखों से कैसे दिखाऊं, सूर्य की किरणों के मोती कैसे पिरोऊ, जगमग, सुंदर है जहां उन रंग मोतियों से, उनकी चमक को अपने मन में वसाऊ, फूल और कलिया,ये झरने और नदियां, हरियाली बगिया मन बसाऊ। चंचल चौहान मंझौली उ प
Mera sapna tha apne bicharo ko logo tak phunchana unko jiwn ki sikh ,prerna dena unmai insaniyat jag...