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मायाजाल

Karan Singh 30 Mar 2023 कहानियाँ धार्मिक Ram/जय श्री राम/धार्मिक महत्व/सपनों का सौदागर.... करण सिंह/ Karan Singh/छत्रपति शिवाजी महाराज की महानता/भक्ति/मायाजाल/एक बूंद/एक बूंद इश्क/मदमस्त हाथी/मोह माया/करण सिंह/Karan Singh/ 20125 0 Hindi :: हिंदी

*मायाजाल*
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एक इंसान घने जंगल में भागा जा रहा था। शाम हो गई थी। अंधेरे में कुआं दिखाई नहीं दिया और वह उसमें गिर गया। गिरते-गिरते कुएं पर झुके पेड़ की एक डाल उसके हाथ में आ गई। जब उसने नीचे झांका, तो देखा कि कुएं में चार अजगर मुंह खोले उसे देख रहे हैं 
और जिस डाल को वह पकड़े हुए था, उसे दो चूहे कुतर रहे थे। इतने में एक हाथी आया और पेड़ को जोर-जोर से हिलाने लगा। वह घबरा गया और सोचने लगा कि हे भगवान अब क्या होगा। उसी पेड़ पर मधुमक्खियों का छत्ता लगा था।

💐प्रस्तुतकर्ता- सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐

हाथी के पेड़ को हिलाने से मधुमक्खियां उडऩे लगीं और शहद की बूंदें टपकने लगीं। एक बूंद उसके होठों पर आ गिरी। उसने प्यास से सूख रही जीभ को होठों पर फेरा, तो शहद की उस बूंद में गजब की मिठास थी।
कुछ पल बाद फिर शहद की एक और बूंद उसके मुंह में टपकी। अब वह इतना मगन हो गया कि अपनी मुश्किलों को भूल गया।
तभी उस जंगल से शिव एवं पार्वती अपने वाहन से गुजरे। पार्वती ने शिव से उसे बचने का अनुरोध किया। भगवान शिव ने उसके पास जाकर कहा-मैं तुम्हें बचाना चाहता हूं। मेरा हाथ पकड़ लो।
उस इंसान ने कहा कि एक बूंद शहद और चाट लूं, फिर चलता हूं। एक बूंद, फिर एक बूंद और हर एक बूंद के बाद अगली बूंद का इंतजार। आखिर थक-हारकर शिवजी चले गए।

💐प्रस्तुतकर्ता- सपनों का सौदागर.....करण सिंह💐

वह जिस जंगल में जा रहा था, वह जंगल है दुनिया और अंधेरा है, अज्ञान। पेड़ की डाली है आयु। दिन-रात रूपी चूहे उसे कुतर रहे हैं। घमंड का मदमस्त हाथी पेड़ को उखाडऩे में लगा है। शहद की बूंदें सांसारिक सुख हैं, जिनके कारण मनुष्य खतरे को भी अनदेखा कर देता है.....।
यानी, सुख की माया में खोए मन को भगवान भी नहीं बचा सकते......।
💐💐🙏🙏
*मेरा उद्देश्य है कि आप सभी लोगों से सहयोग लेकर आमजनमानस तक किताबों के माध्यम से सर्वसुलभ भावनात्मक एवं प्रेरणादायक कहानियों को पहुंचा कर संस्कारों को परिष्कृत किया जा सके। जिससे आने वाली पीढ़ी अपने सांस्कृतिक मूल्यों एवं संस्कारों को समझ सके ।आने वाली पीढ़ीअपने परिवार तथा देश और धर्म के प्रति अपना कर्तव्य बोध कर सके। और उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके।



*सदैव प्रसन्न रहिये।*
*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*
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