Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य 66850 0 Hindi :: हिंदी
कविता = ( फेसबुक ) लिखने का शौक़ था ! मुफ़लिसी का दौर था !! पेट से मजबूर था ! तालीम से दूर था !! जवानी का खून था ! दिल में जुनून था !! शौक़ भी रंगीन था ! कलम का सुरूर था !! जिंदा रहा मेरा ! शौक़ जो अज़ीज़ था !! बंदा ग़रीब था ! लकीर का फ़क़ीर था !! कर न सका कोई ! लेखनी का खून था !! तालीम से महरूम था ! वक्त भी मग़रूर था !! कलम पर ग़रूर था ! लिखने का फ़ितूर था !! मंज़िल से दूर था ! हौसला भरपूर था !! लेखनी पर सवार था ! बिलकुल गॅंवार था !! बेशक फ़क़ीर था ! दर्द से अमीर था !! दर्द से संवारा मैंने ! बिगड़ा नसीब था !! दर्द के साँचे में ढाला ! ग़ज़ल ए शरीर था !! मैं तो गुमनाम था ! फेसबुक का अहसान था !! फेसबुक ने जोड़ा मेरा ! ये सारा परिवार था !! प्यार का मुरीद था ! प्यार से ही दूर था !! सब मेरे पास है ! जिससे भी दूर था !! विपिन बंसल