Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #मेहंदी पर गीत#मेहंदी पर कविताएं#मेहंदी रंग लाती है सूखने के बाद शायरी#रामवृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर 249710 0 Hindi :: हिंदी
कविता -मेहदी का रंग मेहंदी का रंग अपनों के संग लाती है अपनों में प्रेम का अनुबंध, खुद पिसती है घिसती है पत्थरों के बीच और महका जाती है तन को मन को देकर सुगंध, मेहंदी सिखाती है बिना घिसे पिसे जीवन में कैसा रंग , जो खुद को बदल कर दूसरों में भर दे प्रसन्नता खुशी और आनंद, इसीलिए तो हर लोग तुम्हें चाहता है उतारता है हर खुशी के मौके पर अपने तन और बदन , हे मेहंदी तू महान है तेरा जो अलग पहचान है तू सदैव हरी है मतलब खुश है तू सामना करती है संघर्षों का खुद मिट कर जीवन बनाती है सानंद लाती है अपनों में प्रेम का अनुबंध, किन्तु हां मेहंदी एक पौधा है सींचना पड़ता है सवारना पड़ता है झेलती है हर पल हर क्षण ऋतुओं को मौसमों को फिर जीवन पाती है हरी-भरी और लाती है जीवन में रंग लाती है अपनों में प्रेम का अनुबंध। रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी, अम्बेडकरनगर।
I am Rambriksh Bahadurpuri,from Ambedkar Nagar UP I am a teacher I like to write poem and I wrote ma...