Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

लिफाफे में बंद प्रेम

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक लिफाफे में बंद प्रेम 7482 0 Hindi :: हिंदी

लिफाफे में बंद प्रेम 
सरे आम हो गया 
मन के पीड़ा तन के कष्ट
पल भर में उजागर होता था 
चिठ्ठी नहीं लिखना पड़ता 
व्हाट्सअप से काम चलता हैं 
कुशलता पाने के लिए महीनो 
इंतजार नहीं करना पड़ता 
पर वो दिन बड़े अच्छे थे 
हम चिठियों में अपना जज्बात 
पूरी हालात लिखा करते थे 
शुरू होता आदरणीय से 
और खत्म चरण स्पर्श पर 
पूरा गांव इकठा हो जाता था 
जब भी किसी की चिठ्ठी आती थी 
एक पढ़ता बाकि सब 
हुँकारियाँ भरते थे 
पढ़ने बाला चटकारे ले पढता
और सुनने बाले चटकारे ले सुनते थे 
पर अब ऐसा कुछ नहीं होता 
प्रेम पत्र भी अब 
नहीं लिखना पड़ता 
व्हाट्सप्प पे ही इजहार होता हैं 
मान गई तो ठीक वरना
ब्रेकअप तत्काल होता हैं 

अब वो तरुणाई कहा 
सन्देश में रुबाई कहा 
डाकिया देख कई सवाल 
अपने आप ही उमड़ पड़ते थे 
मन गुद गुदा ने लगते थे 
थोड़ा डर भी होता था 
बंद लिफाफे में 
पर जैसे भी थे पर 
वो दिन अच्छे थे 
और प्रेम भी सच्चे थे 
  

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: