Manasvi sadarangani 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक गांधी जयंती 24147 0 Hindi :: हिंदी
देश की आजादी का स्वपन जिसने सजाया था, उस स्वपन की खातिर जी जान जिन्होंने लगाया था, हर एक को स्वाधीनता का स्वाद मिले इसकी खातिर, अपने आप को गोलियों से चिरवाया था, ये थे हमारे बापू जी जिन्होंने हमें आजाद बनाया था। हिंसा का त्याग कर अहिंसा को अपनाया था, मारा नहीं था किसी को, पर अंग्रेज़ो को मुंह के बल गिर आया था। सत्याग्रह, दंडित, असहयोग और भारत छोड़ो जाने कितने आंदोलन कर बैठे थे, जब तक अंगेज नहीं गए अपने घर तब तक वो आंदोलनों में भूखे प्यासे बैठे थे। आज उनके स्वपन को हम और भी संवारेंगे देश में हरियाली को लाकर, स्वच्छ भारत हम बनाएंगे, गांधी जी के सिद्धांतों को अपनाकर एक बार फिर देश को सोने की चिड़िया बनायेंगे। मनस्वी सदारंगानी