Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

सपने जब चूर हो गए-तब हम मजबूर हो गए

Samar Singh 26 May 2023 गीत दुःखद जीने की तमन्ना थी जिनके संग, वो ही दूर हो गया तो फिर हर सपने चूर हो गए। 5264 0 Hindi :: हिंदी

सपने जब चूर हो गए, 
तब हम मजबूर हो गए, 
तुमसे हम दूर हो गए। 

अब कोई ख्वाहिश नहीं, 
कोई फरमाइश नहीं, 
कोई गुजारिश नहीं। 

ना कोई दुआ, ना दवा है, 
बेनूर सी हो गयी हवा है। 
मेरे यार ये क्या हो गया है। 

कैसे हुई है ये भूल, 
चुभती हर पल है शूल, 
जम गए अरमानों पे धूल। 

कैसे हुआ पता नहीं कुछ, 
बदल गयी तकदीर सचमुच, 
कहाँ रह गयी मुहब्बत की पूछ।। 

रचनाकार - समर सिंह " समीर G "

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

ये खुदा बता तूने क्या सितम कर दिया मेरे दिल को तूने किसी के बस मैं कर दिया वो रहा तो नहीं एक पल भी आकर टुकडें- टुकड़ें कर दिये ना विश्वा read more >>
Join Us: