Ranjana sharma 29 Mar 2024 कहानियाँ दुःखद छोटी सी कहानी मैं और मेरी तनहाई❣️#Google# 4623 0 Hindi :: हिंदी
जिनके लिए हम थें उनके लिए हम कुछ ना थें उनके जिंदगी में मुझसे पहले हर चीज नजर आती थी मैं तो बहुत दूर नजर आती थी सब कुछ रहते हुए भी तन्हा थें हम शायद मुझमें ही कोई कमी रही होगी वैसे तो कमियां हर किसी में होती है पर लोग अपने से ज्यादा दूसरों में कमियां निकालते हैं इसलिए हरबार हम ही नजर उन्हें आते हैं कसूर मेरा बस इतना था कि हम खुले आंसमा के नीचे छत तलाश रहे थें भला ऐसा कभी होता है क्या कुछ ज्यादा ही अपनी लाइफ से मांग लिए थें जिंदगी में तो धूप छांव रहती ही है पर मेरी जिंदगी में धूप की गरमाहट इतनी तेज है कि छांव का असर ही नहीं होती है हर बार खुशियां आकर हाथों से पिछल कर दूर चली जाती है और हम फिर से तन्हा ही नजर आते हैं धन्यवाद