नरेंद्र भाकुनी 20 Feb 2024 कविताएँ धार्मिक अयोध्या, राम, रामलला , रामायण, नरेंद्र मोदीजी, नरेंद्रमोदी सिंह भाकुनी, narendra Bhakuni 10956 0 Hindi :: हिंदी
अयोध्या के राम✍️✍️ तुम्हें पुकारे सरयू के तट, तुम्हें पुकारे धाम। राघवेंद्र, हे अवधपति तुम, दर्शन दो प्रभु राम।। तेरे नाम का सुमिरन निशदिन, सारे संत भंक्तों की निष्ठा। शुभ मंगल की बेला आई, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा।। सबरीमला जाग चुकी हैं, सुंदर हैं जो नाम। राघवेंद्र, हे अवधपति तुम, दर्शन दो प्रभु राम।। प्रेम - भाव का भोग लगाकर, मन स्थिर होकर चंगा हैं। ये रामराज्य का प्रेमी हैं यदि पूछ लो कोई शंका हैं।। सुंदर - सुंदर श्याम शरीरा कोटि विजित रवि काम। राघवेंद्र, हे अवधपति तुम, दर्शन दो प्रभु राम।। कहीं दीपों के उजियारे मे, कहीं भगुआ रँग उड़ावे। एक- एक का संघ कहीं, जनमानस मे बह जावे। इतना खो जाएं कि राम मे, दिन हो चाहे शाम राघवेंद्र, हे अवधपति तुम, दर्शन दो प्रभु राम।। -" नरेंद्र भाकुनी"(अल्मोड़ा, उत्तराखंड)