akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक पितृ पक्ष में हमें अपने पितरों का सम्मान पूर्वक श्रध्दा से श्राद्ध संस्कार करना चाहिए 81828 0 Hindi :: हिंदी
*पितरों का आशीष,* पितृ पक्ष में पितर हमारे पृथ्वी लोक पर आते हैं प्यार हमारा पाकर वो आशीष हमें दे जाते हैं। कल तक थे जो साथ हमारे साथ छोड़कर चले गये । रहते थे हम सबके दिल में यादों को छोड़कर चले गये।। विदा हुए हमसे जो अपने पितर पक्ष में आते हैं वे अदृश्य रहकर भी अपना प्यार लुटाने आते हैं।। पितृ पक्ष के पन्द्रह दिन वे साथ निभाने आते हैं दूर हुए हमसे जो अपने हमें देखने आते हैं।। माता पिता जीवन भर हम पर अपना सर्वस्व लुटाते हैं उनकी ही त्याग तपस्या से हम जीवन में सुख पाते हैं।। जीवन में जो मात-पिता को प्यार नहीं दे पाते हैं। पितर पक्ष में पन्द्रह दिन वो झूठा प्यार दिखाते हैं।। अपने मात-पिता का जो सम्मान नहीं कर पाते हैं श्रध्दा से श्राद्ध नहीं करते वो श्राद्ध का फल नहीं पाते हैं।। अपने मात-पिता को जो जीवन में दुःख पहुंचाते हैं अपनी संतान से भविष्य में वैसा ही फल पाते हैं ।। श्रद्धा नहीं है जिनके मन में ऊपरी ढोंग दिखाते हैं पितरों के आशीष से फिर वे वंचित ही रह जाते हैं ।। सच्चे मन से पितरों का जो श्राद कर्म करवाते हैं पितर प्रसन्न होकर अपना आशीष लुटाकर जाते हैं।। रचयिता -अखिलेश श्रीवास्तव जबलपुर मध्यप्रदेश
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