DIGVIJAY NATH DUBEY 24 May 2023 गीत प्यार-महोब्बत #दिग्दर्शन 10136 1 5 Hindi :: हिंदी
रोम रोम अपने तन का तेरे हवाले सौप रहा हूं कण कण अपने जिस्म का टुकड़ा तेरे कदमों में सौप रहा हु जो भी मेरे नाम के आशियाने हैं इस जमीं पर तेरे नाम ही करके अब सारी इच्छाएं छोड़ रहा हूं तेरी इच्छा पूर्ण हुई पर मेरी है अब तक अधूरी तू मुझको न मिल सका कितनी लंबी थी ये दूरी छोड़ जाता हूं सब तुझको मेरे नाम का कुछ तो रख लो तू मुझको न चाहा पर मेरी चाहत की लाज तो रख लो ।। अभी तो मैं चलता हूं इस नाजुक जमाने की दहलीज से अगले जन्म का इंतजार कर जब आएगा समय ये फिर से तब तू तड़पेगा मेरी छोटी सी झलक के खातिर पर मुझको भी याद रहेंगी पुनर्जन्म की बातें शातिर l दिग्दर्शन !
11 months ago