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मित्र तुम अनमोल रत्न-ईश्वर का हो तुम अनमोल रत्न

Rameez Raja 05 Feb 2024 कविताएँ समाजिक मित्र तुम अनमोल रत्न 9205 0 Hindi :: हिंदी

मित्र ! ईश्वर का हो तुम अनमोल रत्न,
हो इस संसार का बहुमूल्य उपहार,
प्रभु ने बनाया जितने भी उत्तम रचनाएं,
हो तुम इनमें सब से श्रेष्ठ ।

जीवन के उतार चढ़ावों में तुम 
हमेशा हो मेरे साथ, 
आखिर क्यों कभी नहीं छोड़ते हो मेरा हाथ।
हर एक पग में पाता हूं तुम्हें मैं ,
कभी न छोड़ते तम रूपी समस्या में,
बताते सही राह यदि भटक जाता मैं,या
गलत करने पर डांटने से भी न चूकते हो तुम।

ओ मीत ! तुम ही बताओ क्या है सच्चाई तुम्हारी , बता दो कैसे ईश्वर ने दिया है यह अनोखा उपहार हमें , बस उस प्रभु के नतमस्तक हो जाऊं , कृपा कर मुझ पर उसने दिया है कैसा है यह अनोखा उपहार मुझे ।
मित्र तुम हो मेरे अनमोल रत्न।
मित्र तुम ही मेरे अनमोल रत्न ।।

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