Swami Ganganiya 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य पढी-लिखी लडकी रोशनी घर की Hindi poem 17102 0 Hindi :: हिंदी
पढ़ी-लिखी लड़की रोशनी घर की जिधर भी जाए घर को रोशन करती एक नहीं वो कितने घरो का मान बढ़ाएं मन में है लाखो राज वो उन्हें दबाये बँधी है वो समाज के अनेक बंधनों में फिर भी वो घर का हर फर्ज निभाये रोशन उससे सारा जहां है बनता उससे परिवार यहां है बताओ उसके बिना परिवार कहा है वो हर घर ऊंचाइयो पर रहा है शिक्षित नारी का जहा वास रहा है कभी विश्वसुंदरी का ताज पहनती मैरी कॉम कभी मीरा बाई चानू बन भारत को पदक और सम्मान दिलाती कभी पर्वतरोही बन कर के वो ऊची चोटियों को भी फतह कर जाती वो भारत की वीर नारिया है जो भारत माँ के लिए शहीद हो जाती वैज्ञानिक बन कल्पना की तरहा देश का विश्व मे प्रचम लहराती कभी हॉकी वॉमेन बन पावर दिखाती कभी क्रिकेटर बन छक्के छुड़ाती ऐसी लड़की रोशनी घर की पुरे देश को रोशन कर जाती ** ** ** स्वामी गंगानिया