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रोना किसको पंसद नहीं है

Pinky Kumar 08 Apr 2023 आलेख दुःखद 6184 0 Hindi :: हिंदी

इस लेख को जरूर पढ़े आपको जरूर पंसद आयेगा और कृप्या करके मेरे लेख को पढ़े और मुझे बताये कि मेने कहाँ गलती कि है अगर मेरे लेख आपको पंसद आए तो ज़रूर बताये मेरे लेख को पंसद कर को और उने 5 स्टार जरूर दे चलो पढ़ते है।

=) रोना किसको पंसद नहीं पर हम रोते हर समय भले उस रोने में  आंसू की बूंदे ना हो पर हम हर समय रोते रहते रोना भी हमारे जीवन का हिंस्सा है। अमीर लोग और पाने कि चाह में राते रहते है। गरीब को खाना नहीं मिलने के कारण रोता है। और भगवान ऐसे इंसानो को देखकर रोते है ऐसा कोई है। जो नहीं रोता हों हमें कितना ही मिल जाए हम यही रोना रोते है। कि मेरे पास कुछ नहीं है। में कितना दुःखी हूँ भगावान तुझे दया नहीं आती मुझे रोते देख कर किसी को ज्यादा मिल गया तो रोना किसी को कम मिल गया तो रोना किसी को कुछ नहीं मिला तो रोना जानवरो का रोना कि हम पर किसी को दया नहीं आती हम भुखे है। हम परेशान है। हम रो रहे है। भगवान दया नहीं आती हम पर इस संसार में सभी रो रहे है। कोई अपनी बीमारियों का रोना रोते है। और होड़ करते है। कि मेरी बीमारी सबसे बड़ी है हम दिन में अलग - अलग रोने देख सकते है। भईया का रोना मेरी शर्ट प्रेस नहीं हुई बहन का रोना कि मुझे वही ड्रेस चाहियें पापा का रोना कि मुझे जल्दी जाना है। और माँ कि तो बात ही क्या माँ के अन्दर ती इमोशन प्रकृति द्वारा होते ही माँ अपने आसूओं से हर काम बनवा लेती है। क्योंकि उनमें इस बात कि शक्ति भगवान द्वारा दी जाती है। और माँ के आँसू कोई देख नहीं सकता क्योंकि आसूओं में प्यारी ममता छुपी होती है। इस लिये माँ के आँसूओं का ज्यादा अहमियत दी गई है। और क्यों ना दे आखिर वो जगत जन्नी है। और माँ का रोने का कारण भी पापा के परिवार वाले ही होते है और पापा को अभी तक समझमे नहीं आ रहा कि मेरे घर वाले कहाँ से बिचमें आगये 🤣🤣 माँ का रोना निस्वार्थ भाव का रोना होता है। इसी कारण पापा को समझमें नहीं आरहाँ है। माँ का रोना समझों पापा माँ को समझो
और हमारा रोना हमारे स्वार्थ के कारण आता है। जो कुछही देर का होता है। अब बात करे प्रेमी जोड़े का रोना तुम रोती हुई और भी अच्छी लगती हो इन बेचारो को यह नहीं पता होता कि दोनो ही रो रहे हो बस उन्हें पता नहीं है। पत्नी रो रही है। कि मुझे डायमंड का हार नहीं लाके दिया पति बेचारा दुःखी कि एक टाइम का खाना भी ढंग से  नसीब नही होता और बेचारा बच्चा अरे मुझे भी देख लिया करो नहीं देखना था तो पैदा ही क्यों किया सब रो रहें अपने स्तर पर बिचमें रह गये हमारे भगवान सोच रहें थे कि मेंने इंसानो को बना और इंसान मुझे बना रहें है।
यह क्या हो रहा है हम इंसानों । भगवान खुद ही भुल गये कि में भगवान हूँ हाये यह कैसा रोना किस - किस कि सुने भगवान किस - किस को चुप करवाये भगवान स्टूडेंट के यह रोना कि अगर मेरे पेपर में नम्बर ज्यादा नहीं आये तो पापा साइकिल नहीं दिलायेंगे कितना रोते है हम छोटी छोटी बात पर आखिर क्यों रोते इतना इस लिये कि हमें जरूरत से ज्यादा मिल गया तो उसे सम्भाल नहीं पारहे है। या इस बात का रोना कि हमें तो कुछ मिला ही नही इस कारण रो रहे है। या इस कारण कि भगवान ने हमें बनाया ही क्यों जब हम हमारे जीवन में आवश्यकता से अधिक कुछ पा लेते है। तो हमें समझमें नहीं आता कि इसे कैसे संम्भाले तो हम रोने लगते है। इसी लिये अगर हमारे पास कुछ भी अधिक है तो किसी जरूरत मंद कि मदत करना चाहियें तभी हमारा रोना बंद होगा बन्द करों रोना 

धन्यवाद

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