DINESH KUMAR KEER 02 Feb 2024 शायरी प्यार-महोब्बत 2344 0 Hindi :: हिंदी
चाहतें भी नफ़रतें भी क्या ये झमेला है। ज़िन्दगी बस चार दिन का ही तो मेला है।। मुश्किलों में साथ देता कौन अब किसके। हर कदम पर शख़्स वो ख़ुद ही अकेला है।।
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