मोती लाल साहु 17 Oct 2023 शायरी अन्य मन चंचल 14636 0 Hindi :: हिंदी
मन रे बेचैन- तू क्यों है बेगाना, तोहे न चैन- बसे क्यों है बेगाना,, तू रे चंचल- तेरा न कहीं ए-ठौर रे, ए-मन- भटके तीनों लोक बेचैन रे....!!!! -मोती
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