Bholenath sharma 10 Mar 2024 कविताएँ समाजिक अकेला मन , हमें अपने करियर की चिंता रहती रहती कैसे क्या करेकहाँ जाए। 3884 0 Hindi :: हिंदी
मन अकेला है , या कुछ और बात है कुछ तुम कुछ हम , दोनों उदास है । खाली बैठे थे हम इसलिए की सूँकून मिलेगा , मगर हम सोच सोचकर उदास है । कुछ चिंता है कि क्या करेगें' , जीवन में कैसे आगे बढेगें , पहुंचगे किस तरह से वहाँ , निराश बैठे है हम यहाँ ' ।