ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम समस्या देश की 13252 0 Hindi :: हिंदी
प्रश्न एक बस करने पर ही, हो जाती है संसद मौन। अर्थव्यवस्था सारी काली, काले धन पर बोले कौन। बंटाधार हुआ जाता है, कौन पढ़ेगा ये भूगोल। हुईं सभी हैं व्यर्थ डिग्रियां, जनता का है डब्बा गोल। मौज मनाते जाहिल ठग ये , हिरनी की धारे हैं खोल। कागा हँस की चाल चले है, कोयल बोले तीखे बोल। सुरसा जैसे मुँह फाड़े है, भरे नही इनका ये कूप। आपाधापी में दिखता है, काले धन का उजला रूप। चाटुकार अरु भाड़गिरी से , भरा हुआ है पूरा देश। सांडों की ये नूराकुश्ती, घायल है "अनहद" परिवेश।
1.MA (GEOGRAPHY) 2.UGC/NTA/NET (QUALIFIED) 3.UPSC/UPPCS (PREPRATION) 4.UPSC( INTERVIEW)2 TIMES ...