akhilesh Shrivastava 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक प्रकृति में सात रंग मुख्य हैं परन्तु प्रायः काले रंग से सभी नफ़रत करते हैं परन्तु काले रंग की अपनी एक अलग ही महिमा है 7225 0 Hindi :: हिंदी
*काले रंग की महिमा* काले रंग की महिमा का अजी सुनो गुणगान काले रंग से तुम घृणा नहीं करो इंसान।। काला तिल है चेहरे पर सुंदरता की पहचान काले कजरारे नैनौं पर लुट जाता है इंसान।। नज़र से बचने के लिए काला लगे निशान काले लम्बे बाल ही हैं महिला की आन।। काली काली मूंछ ही है मर्दों की शान महिला काली साड़ी में सबका खींचें ध्यान।। काले मोती की माला का मंगलसूत्र महान सुहागिन नारी की यही एक पहचान।। सात रंग सुन्दर लगें सब करते हैं बखान काले रंग के फेरते मिट जाती पहचान।। काली करतूतें समाज में करती है बदनाम काले कर्मों की सज़ा देता है भगवान।। काले मेघा देखकर खुश हो जाये किसान बुरी नज़र से बचाये काला धागा महान।। काले बोर्ड से शुरू हुआ है शिक्षा का ज्ञान काले कोट से मिल रहा हमें न्याय वरदान।। काले भगवन् कृष्ण थे काले थे श्री राम दोनों की स्तुति से सुखी रहे इंसान।। रचयिता -अखिलेश श्रीवास्तव जबलपुर
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