Ranjana sharma 27 Nov 2023 कविताएँ दुःखद कल जो मिले थें हम #Google# 10963 0 Hindi :: हिंदी
कल जो मिले थें हम सनम भूल जाना वो दिन तुम कितने शर्म की बात है जो तेरी बाहों में थें हम गुम देर लगी पर एहसास तो हुई क्या गुनाह हमसे हुई जिसकी माफी ही नहीं होती ऐसी भूल हमसे हुई प्रेम से पवित्र इस धरती पर कुछ नहीं पर हमें प्रेम करने का कोई हक नहीं हम तो वो पछी है जो आजाद होकर भी आजादी कभी मिली ही नहीं चाहत मेरी अब मेरी नहीं रही खुशियां मेरी अब मेरी नहीं रही जिंदगी मेरी अब मेरी नहीं रही तेरी होकर भी मैं तेरी नहीं रही वक़्त का भी ऐ कैसा तकाजा है कभी गुरूर था हमें अपनी वफा पर अब खुद को कोसते हैं हम हरघड़ी ना वफा निभा पाए ,ना ही तेरे हो पाए सोचते हैं हम कभी कभी क्यों उस राह पर चल पड़े जिसकी कोई मंजिल ही नहीं अगर खुद को मौत के हवाले कर भी दे पर,अफसोस ऐ जिंदगी भी अब हमारी नहीं धन्यवाद🙏