Jitendra Sharma 08 Mar 2024 शायरी समाजिक Jindgi, Jitendra Sharma, 2406 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी- 1. कुछ बीत गई कुछ बीतेगी, किस-किस को रो जाएंगे। दुनिया तो चलती जाएगी, हम ही तमाम हो जाएंगे।। 2. जिंदगी एक कहानी है, आरंभ भी है और अंत भी है। सबसे मिलजुल कर रहना है यहां दुष्ट भी हैं और संत भी हैं।। 3. जिंदगी बंद किताब सी है, हर सफे पर तेरा नाम लिखा है। हरफो से टपकता खूने जिगर, इसमें मेरा अंजाम लिखा है।। 4. गम ही गम है जिंदगी में क्या छुपाएं क्या बताएं। हाले दिल बताना है मुश्किल, जिगर के छालों को कैसे छुपाएं।। 5. हंसती हूं सबको हंसाती हूं, तू ना हंसे तो क्या दोष है मेरा। मैं जिंदगी हूं खूबसूरत हूं, तू ना समझे तो क्या दोष है मेरा।।