Raysingh Madansingh Rauthan 14 Dec 2023 कविताएँ समाजिक "जीवन की नई सीख़" 11190 0 Hindi :: हिंदी
संघर्षों से जीना सीखो दुखों को पीना सीखो | मुख पर मुस्कान लाना सीखो दुःख पर मरहम लगाना सीखो | आहत होना मत सीखो फतह करना तुम सीखो | आत्मसम्मान पहचानना सीखो इंसान को समझना सीखो | पंकज में पंकज से सीखो शूल में गुलाब से सीखो | काँटों में भी मुस्कराना सीखो जीवन में ख़ुशी लाना सीखो | वीरान गिरी में कुटज से सीखो तममय निशा में जुगुनू को सीखो | इंसान को पहचानना सीखो दुखों को समझाना सीखो | मंजिल अपनी बनाना सीखो लक्ष्य को भेदना सीखो | मानव हो मानवता सीखो दर्पण समाज का बनना सीखो | निशा दूर भगाना सीखो आशा को अपनाना सीखो | तन को कष्ट कराना सीखो मन को उदार बनाना सीखो | उठा तरु मलय से सीखो कष्टों में भी जीना सीखो | कष्टों को भूलना सीखो जीवन में लौ जलना सीखो | सफलता को पाना सीखो सपना साकार करना सीखो | गगन को छूना सीखो सितारों से चमकना सीखो | संघर्षों से जीना सीखो हर दुखों को पीना सीखो | :- रायसिंह मदनसंह रौथाण
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