Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

अकेलापन-अकेले नहीं कर पाएगा अपने पूरे शौक

राकेश 13 Aug 2023 कविताएँ समाजिक अकेलापन 8064 2 5 Hindi :: हिंदी

अकेले जीने की ना सोच, धन दौलत शोहरत चाहे हो बहुत, अकेले नहीं कर पाएगा अपने पूरे शौक, कोई तो चाहिए जीवन में दोस्त, अकेले दिल की बात दीवारों से कहेगा सोच, परिवार रिश्तेदार जब नहीं होंगे तेरे दोस्त।

घर में राज होगा तेरा, परंतु राज होगा किस पर तेरा, जब कान मुंह के बावजूद भी तू होगा गूंगा बहरा, सुनने वाला जब नहीं होगा स्वर तेरा, पूरी धरती पर चाहे हो तेरा बसेरा, अकेलापन नहीं रहने देगा तुझे अकेला, मिलजुल कर रहने में हैं, लाभ सिर्फ तेरा।

Comments & Reviews

राकेश
राकेश There is a lot of depth in the poem, what a lot has been written

8 months ago

LikeReply

Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary सही है

8 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: