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इंतजार-मेरी शुष्क आंखो में कुछ इंतजार बाकी है

VIVEK KUMAR PANDEY 01 Jul 2023 कविताएँ दुःखद इंतजार , आधे अधूरे, सूनापन, आँखे 12037 1 5 Hindi :: हिंदी

आह ! 
वेदना......
वो सूनी रेलिंग....
अंतहीन इंतजार.....

काश! आते तुम 
और महका जाते मेरी पीड़ा।
जाते समय पुर- उम्मीद
लौटे तो न-मुराद।
हर रोज ही नज़रे मुड़ती है।
उत्तेजना नसों में दौड़ती है।
पर हर बार की मायूसी.....

अगर हो सके तो बुझने न देना
मेरे उम्मीद की कमज़ोर लौ को।
जो अभी तक जुगनू की तरह 
टिमटिमा रही है।

आंखे निर्बल हो चुकी है
तुम्हारी प्रतीक्षा में पर.....
मेरी शुष्क आंखो में 
कुछ इंतजार बाकी है।।

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VIVEK KUMAR PANDEY
VIVEK KUMAR PANDEY ❤️❤️

2 months ago

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