Raj Ashok 10 May 2023 कविताएँ अन्य दौर 12725 0 Hindi :: हिंदी
इतने फूल खिले है। माली ,तेरे बाँगवा मे हर एक कि महक पास बुलाती है। कुछ, कमशीन कलीयाँ है। तो कुछ है। जवाँ। आती है। गन्घ,सूगन्घ यहाँ हर और से। है। निमन्त्रण ये रंग मुहोबत का दिलों मे काँरव ,समेट है फिजाओं मे है रंग, यहाँ प्यार के, लिपटे है। नाग-नागिन से बदन हैरत मे है। हर नजर क्या ? दौर बदल रहा है। कहते है। लोग अब,सोच बदल रही है। ये मानवता के हित मे है। देखना है ।ये ओर क्या? चमत्कार होने है। दुनियाँ मे