Rajendra Prasad Gupta 15 Jun 2023 आलेख समाजिक सदाचारी युवक 6050 0 Hindi :: हिंदी
बहुत समय पहले की बात है, एक गांव में एक नेक और सदाचारी युवक रहता था। उसका नाम रामू था। रामू गांव के लोगों के बीच प्रिय और प्रसन्नता का केंद्र था। उसकी सेवाओं और नेकियों की कहानियां पूरे गांव में फैली हुई थीं। वह अपने माता-पिता का ध्यान रखता था और उनके साथ प्रेम और सम्मान से रहता था। लेकिन एक दिन, एक बड़ी मुसीबत उसके सामने आ गई। उसके पिता की सेहत बिगड़ने लगी और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। रामू ने अपने पिता को संतुष्ट रखने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन उसके अस्पताल बिल के लिए पैसे नहीं थे। रामू ने अपने सभी संगठनों और मित्रों को यह समस्या साझा की। उसके दोस्त और पड़ोसियों ने एकत्रित होकर रामू को सहायता की और अस्पताल बिल के लिए धनराशि जुटाई। इस दौरान, एक न्यायप्रिय वकील ने रामू की मदद की और उसे आपत्ति करने वाले अस्पताल के खिलाफ मामला चलाया। वकील ने इस मामले को न्ययालय में ले जाकर लड़ाई चढ़ाई की। रामू ने अपने पिता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए न्यायालय के चक्कर नहीं लगाए और ध्यान केंद्रित किया कि उसके पिता जल्द स्वस्थ हों और अस्पताल से वापस आ सकें। आखिरकार, वकील ने मामला जीत लिया और अस्पताल ने रामू को मान्यता और मुआवजा दिया। रामू के पिता भी शीघ्रता से स्वस्थ हो गए और घर लौट आए। यह घटना रामू को एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है - कि जब हमारे प्रियजनों को समस्या होती है, तो हमें न्याय की खोज करने के स्थान पर उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए प्रेरित होना चाहिए। रामू ने न्याय के स्थान पर समाधान की तलाश की और लोगों को एकत्रित करके समस्या का हल निकाला। इस द्वारा, उसने न केवल अपने परिवार को खुश रखा, बल्कि अपने समुदाय को भी समृद्धि और समाधान की दिशा में आगे बढ़ाया।
I take pride in writing articles on all the problems related to the society....