Monu kumar 28 May 2023 कहानियाँ दुःखद सकुल 8029 0 Hindi :: हिंदी
मैं विकास कुमार। आपनी आप बिट्टी बात बता रहा हूं, अगर आपको पता चले कि आप फेल हो गए हो, उतना दुख नहीं होता है। अगर ये पता चले आप दोस्त ही टॉप कर गया तब सायद ज्यादा दुख होता है। हम आपने जीवन के सबसे डार्केष्ट दिन के बारे में बता रहा हूं। सोचो आगर आपके पास को चिज हो या वो आप से छिन जाए उस समय कैसा होगा। मेरे साथ 🅅🄸 वही हुआ था। बात क्लास 8 की है। स्कूल में स्कॉलरशिप टेस्ट होने बाला था हमे यही लग रहा था कि हर बार की तरह मैं ही टॉप करूँगा। लेकिन ऊपर बालो को कुछ औ ही मंजूर था। सायद उसे मेरी खुशी देखा नहीं जाता। बस इसे मैं बस 1 रैंक से टॉप नहीं किया। वो दिन आज भी याद है जुब फॉर्म भरें हो रहा था तब हम बहुत कॉन्फिडेंस में बोले थे। जीतेंगे तो हम ही। या और को भी यही लग रहा था जीतेंगे हम ही। हर बार की तरह इस बार भी टेस्ट अच्छा गया था, हम तो बस रिजल्ट का इंतजार में कब निकले गा । बस इंतजार उसदिन का था, कोई नहीं वो दिन 🅅🄸 अगले दिन ही आने वाला था। हम पूजा ये एसबी क्रके स्कूल चले गए। जब रिजल्ट का टाइम हुआ टब स्कूल गार्ड सबको बुलाने आया। या हमेशा की तरह इस बार छठी सबके माता-पिता आए। नीचे से सारे प्रतियोगी का नाम घोषित हुआ लगभग , करीब 30 नाम के बाद शिक्षक थम से गया। तब सबको ये लगा अब टॉपर का नाम होगा। प्राथमिकी मेरा नाम की घोषणा हुआ उस समय सभी लॉग ताली बजाने लगे या हम 🅅🄸 बहुत खुस हो गए। वैसे ही सर बोले रुक जाए प्लीज प्लीज। कोई और 🅅🄸 है जिसका नाम की घोषणा नहीं हुई अभी तक। सब चोक गया वो कौन है जो मेरे जैसे कभी नहीं हरने बाले को हरने की ताकत रखता है.. सब लॉग को अब उस प्रतियोगी के नाम सुनने का इंट्रेस्ट आ गया था.. आखिरी कर वो टाइम आ ही गया जभी टॉपर का नाम अनाउंस हुआ। वो या कोई नहीं मेरा साथी ही था.. उस टाइम हम ऐसा फील हुआ जैसे किसी भूखे के थाली में रोटी छिनने पर होता है... हमें दुख इस बात का नहीं कि हम टॉप नहीं किए, दुख इस बात का था कि जो चिझ मेरे पास था। वो किसी और के पास कैसे चला गया। ....▀▄▀▄▀▄