कविता पेटशाली 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 71567 0 Hindi :: हिंदी
जब ,मेरे ,देश की बात होती है,। मेरी ,आंखों में,इक स्वतंत्र ,निश्च्छल किताब होती है,। बेशक सरहद के उस लहराते तिरंगे से, मेरी क्षण भर की मुलाकात होती है,। महापुरूषों के नाम पर कविता इक साकार होती है,। नेता भगत हो या हो शिवाजी ,रणधीरों की,। गाथा क्या खूब बेमिसाल होती है,। सैनिकों कि बंदूक का ,कहीं रखी पवित्र गीता के संदूक का ,। अखण्ड भारत के रूप का , सौन्दर्य छलकाती गंगा के पवित्र धूप का ,। सुगन्ध के अनुरूप का ,। इक, कविता में प्राणवान होते, इन ,भावों का सागर , मुझे ले जाता है,उस पार तक ,। जहाँ ,धरोहर में प्रभात होती है,। जहाँ ,धरोहर में प्रभात होती है,।। कविता पेटशाली ,💗💗🌹✍️
Writing poem ~~most like than Hindi shahitya🖋️📒💝🌺🌺🌺🌺🌺🌺shahitya lover ,...