मोती लाल साहु 07 May 2023 कविताएँ अन्य शाश्वत वचन, अपने अंतरतम की दिव्य संगीत जो स्वयं बज रही है- मनुष्य जब उसे सुनने के काबिल बन जाता है- तब उसके जीवन का असली नृत्य शुरू होता है। 3903 0 Marathi :: मराठी
शाश्वत वचन! अपने अंतरतम की- आवाज को जब मनुष्य, सुनने के काबिल बनता है तब जीवन का- असली नृत्य शुरू होता है शाश्वत वचन! -मोती