SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक कुछ लोग जैसे ही विजय दशमी का वक्त आता है वो लंकापति रावण को चरित्रवान बताने पर लग जाते हैं वो कहते हैं कि रावण इतना बलशाली होने के बावजूद भी उसने माता सीता के साथ कोई जबरदस्ती नहीं की इस पर कवि अपनी कविता के माध्यम से उन लोगों पर सवाल दागता है की जो व्यक्ति धोखे से माता सीता का हरण करले भला वो कैसे चरित्रवान हो सकता है जिसे राम से पहले राजा बलि सहस्त्रबाहू और बानर राज बाली ने परास्त किया हो भला वो कैसे बलशाली थे । 43278 0 Hindi :: हिंदी
चरित्रवान भला वो कैसे, भला कैसे वो स्वाभिमानी थे । जिसने धोखे से हरण की हो सीता, भला कैसे वो महाप्रतापी थे ।। जिसने अपने स्वार्थ के ख़ातिर, पूरे राक्षस कुल का नाश किया । जो पार ना कर सका लक्ष्मण रेखा तब भी समझ उसे ना आई, भला उसे मैं कैसे कहूं की वो महाज्ञानी थे ।। जिसे राम से पहले , बालि, सहस्त्रबाहु, दैत्यराज बलि और शिवजी ने हो परास्त किया। भला उसे मैं कैसे कहूं की, वो महाबलशाली थे ।। तुम लाख बजा लो ढोल लंगाड़े, करलो पुरजोर विरोध भले । जलना ही होगा रावण को, क्योंकि वो दुराचारी थे ।। चरित्रवान भला वो कैसे, भला कैसे वो स्वाभिमानी थे । जिसने धोखे से हरण की हो सीता, भला कैसे वो महाप्रतापी थे ।। 🙏धन्यवाद 🙏
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