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साथ न छोड़ूंगा

Ranjana sharma 30 Mar 2023 कहानियाँ समाजिक Google 80641 0 Hindi :: हिंदी

नेहा शादी करके अपने ससुराल आ चुकी थी,सभी लोग नई बहू की स्वागत करने के लिए अफरा - तफरी मचाए थें ,पर उसके ससुर और सास एकांत एक जगह खड़े कुछ बातें कर रहे थें।तभी उसकी बड़ी बेटी आवाज देती मां - बाबूजी आइए न भाभी का स्वागत कीजिए।उसकी मां आती और बहू को वहीं कार के पास रोक देती ,कहती " तेरे बाप ने हमसे जो शादी से पहले देने का वादा किया था वह पूरा नहीं किया ,इसलिए तुम घर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकती तुम उल्टे पांव अपने घर लौट जाओ।" वहां खड़े सभी लोग उसकी बात सुन चौंक गए । ये क्या ! नई दुल्हन के साथ इस तरह लीलावती कैसे कर सकती है बेचारी सबकुछ छोड़कर अपने ससुराल आई,अभी कदम ही नहीं रखा और उसके साथ यह हरकत करना चालू कर दिए ।उसे कार में बैठा ड्राइवर को कह रहा था उसका ससुर ,इसे ले जाकर वहीं छोड़ दो जहां से लाए हो ।जैसे ही ड्राइवर कार चालू किया उसका बेटा मयंक भी आकर कार में बैठ गया और ड्राइवर को कहा अब चलो ।तब उसके मां - बाबूजी बोलते ,अरे बेटा ! तू कहां जा रहा है ,इसे जाने दे ।तब उसका बेटा बोलता " मां - बाबूजी मैं इसे कैसे छोड़ सकता हूं।मैंने इसके साथ बकायदा शादी की है कोई खिलवाड़ नहीं । मैं अब इसका साथ मरते दम तक नहीं छोड़ सकता " और वह अपनी पत्नी नेहा को लेकर वहां से चला जाता।
                       धन्यवाद

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